चीन ने ऐसे दिखाई ताकत
ऐसे दिखाई ताकत
परेड में चीन की 12 हजार ट्रूप्स ने हिस्सा लिया। इसमें 129 एयरक्राफ्ट और 571 मिलिट्री इक्विपमेंट्स का भी प्रदर्शन किया गया।
शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग रेंज तक टारगेट करने वाली डोंगफेंग, कई रॉकेट्स, टैंक्स और ड्रोन्स भी परेड में शामिल हुए।
इस बीच नॉर्थ कोरिया मसले पर चीन के कोई कार्रवाई न करने पर अमेरिका ने आलोचना की है। वहीं, चीन ने नॉर्थ कोरिया को रोकने के लिए साउथ कोरिया में टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) की तैनाती का विरोध किया है।
परेड में चीन की 12 हजार ट्रूप्स ने हिस्सा लिया। इसमें 129 एयरक्राफ्ट और 571 मिलिट्री इक्विपमेंट्स का भी प्रदर्शन किया गया।
शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग रेंज तक टारगेट करने वाली डोंगफेंग, कई रॉकेट्स, टैंक्स और ड्रोन्स भी परेड में शामिल हुए।
इस बीच नॉर्थ कोरिया मसले पर चीन के कोई कार्रवाई न करने पर अमेरिका ने आलोचना की है। वहीं, चीन ने नॉर्थ कोरिया को रोकने के लिए साउथ कोरिया में टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) की तैनाती का विरोध किया है।
डोकलाम में क्या हुआ है।
ये विवाद 16 जून को तब शुरू हुआ था, जब इंडियन ट्रूप्स ने डोकलाम एरिया में चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। हालांकि चीन का कहना है कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा है।
इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 km लंबा बॉर्डर है। इसका 220 km हिस्सा सिक्किम में आता है।
इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 km लंबा बॉर्डर है। इसका 220 km हिस्सा सिक्किम में आता है।
Comments
Post a Comment